उठो
देखो
तुम्हारा अस्तित्व
अब संकट में है ।।
वो जो जाति -पाती खेल रहे
वो एक दिन तुमको डुबो देंगे
तुम्हारे लाश पर अपनी
राजनीति की कुर्सी उगायेंगे ।।
सुनो,
तुम मत देना ये अधिकार
तुम मत बनना अधीन
तुम शेर हो .............
शूरवीर हो ...............
तुम मत सुनना उनकी
वो तुम्हारे मांस का तुम्हे ही लालच देंगे
तुम मत जाना ...
तुम शेर हो ....
तुम शूरवीर हो ।।
अंकितप्रिया मिश्रा।।
No comments:
Post a Comment