Monday, March 29, 2021

 तुम्हारी पायल

की घुंघरुओं में

मेरी धड़कनें

बसती हैं ... जानाँ !


ज़मीं पे पाँव

सम्हाल के

रखना ... जानाँ !


जो ये टूटे तो

मैं बिखर जाऊंगा ...!!


अंकित तिवारी ||

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