Friday, April 23, 2021

तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना
एक पुष्प की भांति है
हां! एक पुष्प ही तो हो तुम
पुष्प.........गुलाब का

जिसकी भीनी भीनी सी ख़ुशबू
मेरी ज़िंदगी में फ़ैल गई है

एक गमले तक सिमट चुकी थी जो ज़िंदगी
उसको बना दिया है
तुमने अब एक सुंदर सा गुलशन.........!!

अंकित तिवारी 

No comments:

Post a Comment

संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )

पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...