तुम्हारा मेरी ज़िंदगी में आना
एक पुष्प की भांति है
हां! एक पुष्प ही तो हो तुम
पुष्प.........गुलाब का
जिसकी भीनी भीनी सी ख़ुशबू
मेरी ज़िंदगी में फ़ैल गई है
एक गमले तक सिमट चुकी थी जो ज़िंदगी
उसको बना दिया है
तुमने अब एक सुंदर सा गुलशन.........!!
अंकित तिवारी
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