वो मिल गई
हमसे कुछ ऐसे .. जैसे
मिल जाया
करती हैं .. पगडंडियाँ
भटकी हुई
वीरान .. सड़कों से....!!
अंकित तिवारी
सुनो जानाँ
रहने दो तुम
बिंदिया
और काज़ल
न ही
खिलाओ तुम
होंठों पे अपने
कोई गुलमोहर
जलने दो
आज रात
उस चाँद को....!!
अंकित तिवारी
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
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