प्रेम में
पड़ी स्त्री
एक नन्हे से
शिशु की
तरह होती है
जो कभी भी
किसी भी
भावना में
बहने लगता है
कभी फफक
कर रोने लगता है
तो कभी
खिलखिला
कर हंसने लगता है
जो कभी
सहम जाता है
तो कभी प्रेम से
अपनी माँ के
सीने से लग जाता है....!!
अंकित तिवारी
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
संसद भवन में स्थापित सेंगोल का क्या इतिहास है ?(पांच हजार पूर्व का इतिहास )
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...
-
बच्चों के विकास में माता -पिता का योगदान आजकल एक समस्या प्रत्येक माता -पिता के मन में घर कर गयी है ..........की कैसे अपने बच्चे को ........
-
एक बार की बात है, एक गांव में एक आलसी व्यक्ति रहता था। वह सुबह उठता, नहाता, खाना खाता और फिर सो जाता था। उसके पास किसी भी चीज ...
-
घरेलू स्त्रियों के पास होते हैं बहुत सारे आंसू आँसू....हर घटना के लिए आँसू जो....देन होते हैं घर के पुरुषों की......!! अंकित तिवारी ***...
No comments:
Post a Comment