Wednesday, April 21, 2021

प्रेम में
पड़ी स्त्री
एक नन्हे से
शिशु की
तरह होती है
जो कभी भी
किसी भी
भावना में
बहने लगता है

कभी फफक
कर रोने लगता है
तो कभी
खिलखिला
कर हंसने लगता है
जो कभी
सहम जाता है
तो कभी प्रेम से
अपनी माँ के
सीने से लग जाता है....!!

अंकित तिवारी 

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