मालूम है एक मुलाक़ात की हमारी फ़रमाइश बेमानी है
तुमसे मिलने की गर्मजोशी भी अब फ़ीकी पड़ने लगी है
हिसाब रखो तुम की हमने कितनी रातें जाग कर गुजारी है
तुम आना क़रीब .. तुमसे हर रात का हिसाब लेना बाक़ी है..!!
अंकित तिवारी
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नारी है वो
कोई वस्तु नहीं
जो तुम उसको
माप सको
मत मापो उसको
उसकी बाह्य सुंदरता से
तुम देख सको तो
देखो उसके
दिल की सुंदरता को
फ़िर तुम पाओगे
दिल की
सुंदरता का माप
कई गुना ज्यादा
उसकी बाह्य सुंदरता से.....!!
अंकित तिवारी
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