कोई वस्तु .. कितनी उपयोगी है .. यह आपकी मूल्यांकन करने की
योग्यता पर निर्भर करता है....!!
अंकित तिवारी
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पूछना आईने से ... उस पर क्या गुज़रती होगी
जिसके सामने बैठ .. तू .. जुल्फ़ें सँवारती होगी...!!
अंकित तिवारी
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ज़िंदगी हमें
कुछ इस तरह
भी सताती रही
मेरे दिल का
ठिकाना
कहीं और था
वो पता
कहीं और का
हमें बताती रही...!!
अंकित तिवारी
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