शांत घरों में भी ... हमेशा ... सुख नहीं होता
मैंने देखा है .. खंडहरों में भी .. बहुत सन्नाटा...!!
अंकित तिवारी
मेरे जीवन की
बगिया में
इक बूंद
तेरे प्रेम की
क्या गिरी
मेरी ज़िंदगी में
सब फूल
ख़ुशियों के खिल आये...!!
अंकित तिवारी
ग़रीब की जेब की शोभा
सिर्फ़ मजबूरी होती है...!!
अंकित तिवारी
मेरी मीत भी तुम
मेरा गीत भी तुम
मेरा संगीत भी तुम हो
मेरा दिल भी तुम
मेरी जान भी तुम
मेरी धड़कन भी तुम हो
मेरा सारा जीवन तुम
मेरा हर लम्हा
मेरा सब कुछ सिर्फ़ तुम ही हो....!!
अंकित तिवारी
प्रेम से अधिक शक्तिशाली होती हैं .. प्रेम में बनने वाली स्मृतियां
स्मृतियों को रखना चाहिये सहेज कर .. क्योंकि स्मृतियां ही हैं ..
जो प्रेम को आजीवन ज़िंदा रखती हैं .. स्मृतियां ही हैं .. जो प्रेम
को हमारे अंदर सदैव पाले रखती हैं ..!!
अंकित तिवारी
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