एक दीया प्रकाश का (उम्मीद ) अंजुरी भर प्रेम ...............देदो सबको .............तुमसे बड़ा आमिर कोइ नहीं ||
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बहोत मुश्किल दौर चल रहा है ..................हम सभी के लिए |
लोगो के पास काम नहीं है
खाने को खाना नहीं है
बीमार के पास दवाई नहीं है
पढ़ने वालो के पास किताबें नहीं है
कही कुछ बिखरा है ................कही कुछ बिखरा है ........................||
इस बिखराव को कैसे समेट ले .............हम सबको ये सोचना चाहिए .........कैसे एक उम्मीद का दीया जलाये.......किसी के होठो पे मुस्कराहट कैसे लायें .......आप भी सोचिये ..............हम भी सोचते है ||
वैसे मेरा विचार तो हमेसा से यही रहा है की .............प्यासे को अगर वक़्त पे पानी भी दे दीया तो आप किसी के उम्मीद का दीया है |
अपनी बेवकूफी भरी बातों से किसी के होठो पे मुस्कराहट लेकर आएं तो आप उम्मीद का दीया है |
किसी भटके राहगीर को राह दिखा दीया तो भी आप ........एक उम्मीद का दीया है |
अपनी पुरानी किताबो से किसी के जीवन में कुछ नया कर पाएं तो भी आप उम्मीद का दीया हैं |
किसी भूखे को एक वक़्त का खाना खिला दीया तो आप उम्मीद का दीया है |
सर्दियों में किसी के आँगन में आग की लौ बन जा
गर्मियों में किसी के आँगन में कुआँ बन नजर आ
किसी भूखे की रोटी बन जा ...........................
किसी अनपढ़ की शिक्षा बन जा .....................
जीवन बस इतना सा है ,, खुद भी मुस्कुराता रह ................दुसरो की मुस्कराहट की वजह बन जा ||
किसी ने सच ही कहा है ............अगर आप किसी की मदद नहीं कर सकते है.......... तो आप गरीब है ................संसार के सबसे बड़े गरीब है ............||
अगर आप किसी के बुरे वक़्त में किसी के साथ नहीं तो आप न मित्र है न सत्रु ..............आप कुछ नहीं है ,, आप बस एक निर्जीव से हाड मांस के पुतले है ...........जिसकी धड़कने धड़क रही है .......................ताकि लाश सड़ने न पाए ............बाकि आप कुछ नहीं ||
तो अपने अंदर जीवन लाईये .................ईश्वर ने आपको मनुष्य बनाया है ,, पशुओ की भांति व्यवहार न करे ..........||
ईश्वर ने सिर्फ मनुष्य को ही ये वरदान दीया है की वो ..............मनुष्य से देवता में परिवर्तित हो जाये .............या पशु में ||
आप क्या बनना चाहेंगे .........??
देवता
या
पशु
देवता बनेंगे तो ..........किसी के घर में एक उम्मीद का दीया जलेगा
पशु बनेंगे तो ............एक दिन आपको भी एक आदमजाद भेड़ियाँ खींच ले जायेगा .................ये संसार ऐसा ही है ............इसने कभी निम् की फली में आम के पौधो को जन्म नहीं दिया ||
आप कौन सा बीज लगाएंगे ....................
नीम
या
आम
सब आप पर निर्भर करता है ||
बचपन में मैंने एक कहानी पढ़ी थी .............
एक राजा था , उसके घर दर्जनों नौकर थे .........वो अपने नौकरो को कभी ..........इज़त से नहीं पुकारता था ...........||
एक दिन उसने हद ही कर दी ..........उसने अपने बावर्ची को ................सबके सामने भला बुरा कह दिया | बावर्ची चुप रहा ......उसने पलट कर जवाब नहीं दिया............और चला गया .............||
दिन गुजरता गया ..............एक वर्ष राजा के राज्य में सूखे की समस्या आ गयी ..............धीरे धीरे ये समस्या बढ़ गयी | सब लोग गांव छोड़ कर जाने लगे ...................धीरे -धीरे पूरा गांव ख़ाली हो गया |
अब राजा के पास न नौकर बचे ना राज्य ............राजा अब खुद लाचारी का शिकार हो गया ................अब उसे दो वक़्त की रोटी के लिए सोचना पड़ गया .................| राजा ने कुछ कार्य करने की सोची ............राजा काम की तलाश में इधर- उधर भटकने लगा ............एक दिन वो अपने पुराने बावर्ची से टकराया .............बावर्ची राजा को पहचान गया ...............राजा की हालत से वो पहले से ही अवगत था | बावर्ची ने राजा का राजा की तरह ही स्वागत किया .............उन्हें खाना खिलाया और अपने खेत का एक टुकड़ा .........दीया ताकि वो कुछ काम करके .............अपना और अपने परिवार का पेट पालन कर सके |
राजा के पास शब्द नहीं थे ...................वास्तव में राजा बावर्ची था ||
दिन कभी पलट सकते है किसी के भी ...............................तो शब्दों के चुनाव में थोड़ी नरमी रखे |
उम्मीद का दिये में प्रकाश होना चाहिए .................आग नहीं जो किसी के मान -सामान को जला दे |
सब कुछ ईश्वर का दीया है ..........................तो उन्हें ही समर्पित कर दे ..........................थोड़ा आप खाएं थोड़ा दुसरो को दे ..........खुस रहे ..............................लेकिन किसी के लिए सहारे की लाठी ना बने .................वो आत्मनिर्भर बने ये भी ध्यान रखे .....................
आप सभी उम्मीद का दीया है .................आप अपना और अपने अपनों का ध्यान रखे ||
खुस रहे ................................................||
दोस्त ,,
जीवन बस आज भर का है
कल किसने देखा है
तो आज जश्न मना लो
कल ,, जाने सबेरा
हो ना हो ..........
दो मीठे बोल बोलो
और सबको गले लगा लो ||
अंकित तिवारी
wow , just wow
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