Monday, June 7, 2021

तब ऐसा लगता था

 सुबह सुबह
जब वो
खुले
बालों के साथ
झुक जाती थी
मेरे चेहरे पर
मेरी पेशानी को
चूमने की ख़ातिर

तब ऐसा
लगता था
मानो......जैसे
आसमां
झुक आया हो
ज़मीं को
एक बोसा देने की ख़ातिर.....!!


अंकित तिवारी

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