मेरा मन अब बहुत...बहुत ज्यादा उकता गया है
इस दुनिया से.....यहां के झूठे रिश्तों...नातों से
और उकताए हुए मन से.....प्रकर्ति या प्रेम पर लिखने को
शब्द नहीं...सिर्फ़ और सिर्फ़ शिकायतें ही निकला करती हैं....!!
अंकित तिवारी
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