Wednesday, June 9, 2021

एक अरसे से

 एक अरसे से
सुकूँ की नींद सोया नहीं हूँ

तुम्हारी बाहों में
अब सुकूँ की नींद सोना चाहता हूँ

सुनो! तुम लौट आओ न
तुम्हारी बाहों में अब हमेशा के लिए सो जाना चाहता हूँ...!!


अंकित तिवारी

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