साला हम कबसे तय कर रहे है ,, वो लाल सूट वाली से बात करने को। अभी तक मौका ही नहीं मिला।
मौका ,, मौका ढूंढोगे बेटा तो हो गया ,, हो गयी वो किसी और की।
हम खुद ही में बतियाते -बतियाते सो जाते है रोज ,, साला दिल है की मानता नहीं।
आज सोच रहे है की बात कर ही ले ,, मान जाएंगी देवी जी तो ठीक ना तो बहन बुला लेंगे ,, किसी और की😐।
पकडे
ऑटो रिक्सा भागे कॉलेज ,, हाँ अभिये टाइम था उसके आने का .......। बेग तेज
था दिमाग का ,, ऑटो धीरे चल रहा था ,, कम्बखत बहुत धीरे।
आ गया कॉलेज
,, क्लास ओवर हो गया था ,, मन ही मन बोले क्या टाइमिंग है भाई, आगे बढे सब
लडकियां निकल रही थी .......। देवी जी दिखी नहीं ..। हम पूछ बैठे रीमा जी
आई है क्या ?
उनकी दोस्त ने हमें ऐसे देखा जैसे इनके हाथ में होतो कभी
हम इनके जीजा जी ना बन पाएंगे। घूरती रह गयी बहन जबतक हम इनकी आँखों से
ओझल न हुए😬।
ऐसी बेज्जती देख के किसी और से पूछने की हिम्मत न हुई। हम कुछ देर इन्तजार किये,, फिर निकल आये, का करते ....। छेड़ -छाड़ के कैसे में अंदर हो जाते ,, लड़की तो नहीं ही मिलती ..... बाबूजी उकेर देते पूरा ,, खैर हिम्मते मर्द तो मददे खुदा।
आज बस कह के निकल आया ,, कल आने का वादा करके।
शाम से रात तक जितने भी काम किये सबमे प्रैक्टिस करता रहा।
रीमा जी हम आपको बहुत प्यार करते है ,, अबे पगला गए हो का,, ये अभी में मनोज कुमार बनोगे। झट सरुख खान बन गए .......। रिइइइइइइइ माआआ आई लव हम्म्म्म्म ,, याककककक अबे का हो गया है हमें .........। यहाँ दही मिक्सी में पीस रही थी,, वहाँ हम मनोज बाजपयी बने हुए थे वासेपुर वाले .....हम लुंगी उठा के ,, मुँह में दातुन लिए पूछ रहे थे ,, अरे वो रीमा ...कहे अकेले हो ..... हमरे साथ आ जाओ। कभी गोविंदा बन जाते ........। जो तू होती जाया बहादुरी हम भी तो ,, लम्बू होते गोरी तेरे नैनो में हम बस जात........साला ,, लिट्टी बन गयी, दही की लस्सी बन गयी ,, भरता भी बन गया ........... सब हो गया,, बस आई लव यू नहीं पक पाया।
रात भर बड़बड़ाते रहे हम ........। रीमा जी सुनो रीमा शर्मा बन जाओ ,, रीमा जी शर्मा खानदान की बहु बन जाओ,, करते करते सुबह हो गयी।
आँख खुली तो बहार हंगामा जैसा सुनाई पड़ा .....। भागे हम दरवाजा खोला तो गजबे हो गया ,, कुछ लोग मेरे पडोसी को पिट रहे थे .....।
पूछने पर पता चला बतमीजी की है ,, इनकी बहन को प्रपोज़ कर रहा था ,, पकड़ा गया ।
मन में आया,, अगर पकडे गए और लड़की भी नहीं मानी ,, पीटने के बाद भरी बेज्जती हो जाएगी भाई ,, कसम से रीमा जी का भूत मेरे गांव के पुराने वाले पीपल पे जा के बैठा है आज तक।
दिमाग में लठ बज रही है ,, दे लठ , दे लठ
प्रिया मिश्रा :))
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