किसी दिन
यूँ बरसे
कोई बादल
की भिगो दे
बरसों से सूखे पड़े
इस दिल को
और जिससे .. फूटें
कुछ कोपलें .. जो
भर दे .. धड़कनों से
इस सूखे दिल के गुलिस्तां को ..!!
काश!
पर अब असम्भव ही है
ऐसा कुछ भी होना ..!!
वो मुझसे पूछा करती है .. वो हमको कैसी दिखती है .. मेरे जीवन में उसकी क्या अहमियत है
तब मैं अक़्सर चुप हो जाया करता हूँ .. और उससे इतना कह पाता हूँ कि वो मेरे लिए मेरीजब कभी हम
मिलेंगे तुमसेमैं
देख रहा हूँ
तुमकोसंसार को...!!
हम सभी
आजीवन
तलाश में
रहते हैं
एक स्त्री के
प्रेम की
और काम
करते रहते हैं
काम से
धन मिलता है
और प्रेम से प्रेम
पर हम सभी
पहले धन
संचय करते हैं
उसके बाद
निकलते हैं
एक स्त्री के
प्रेम की तलाश में
लेकिन हम
ये भूल जाते हैं कि
स्त्री का धन से
कोई सम्बन्ध नहीं है
स्त्री का सम्बन्ध है
सिर्फ़ और सिर्फ़
प्रेम से...!!
इस धरा पर
घटित
होने वाली
सभी
क्रियाओं को
जब
बांधा गया है
एक
तय सीमा
के दायरे में
तो फ़िर
प्रेम को
क्यों नहीं
बांधा गया
किसी सीमा
के दायरे में...!!
-तिवारी जी
वो करती है
बेइंतहा प्रेम
प्रेम में...वो
अपना सर्वस्व
त्याग कर
तुम्हारे पास आई है
उसे अपने
मतलब के
हिसाब से
इस्तेमाल कर
दुत्कार देना
उस स्त्री के
साथ साथ
उस प्रेम
का भी
अपमान है
जो उसने
तुमसे किया था...!!
पीएम नरेंद्र मोदी जी का एक और ऐतिहासिक फ़ैसला जिसने हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के गौरव के साथ - साथ भारत के भी सम्मान को भी बढ़...